समझे पीसीओडी को...
पीसीओडी, हम सब ने ये बीमारी के बारे में कहीं न कहीं सुना होगा।
2022 के विश्व स्वास्थ्य संगठन के डेटा अनुसार विश्व में 116 मिलियन लड़कियां इस बीमारी के साथ जी रही हैं।
पर आखिरी ये बीमारी है क्या? इसके लक्षण क्या है और आखिर ये होता क्यों है।
उसे जान लेते है
पीसीओडी- यानि की पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज –
ये बीमारी मासिक धर्म/ महावारी से जुड़ी हुई है। ये किसी भी लड़की को रजोदर्शन (मेनार्चे, यानी की जीवन का पहला मासिक धर्म) से लेकर राजोनिवृति (रजोनिवृत्ति-यानी की जिंदगी का आखिरी मासिक धर्म) के बीच किसी भी उम्र में हो सकता है। हाल्कि आज कल किशोर अवस्था की लड़कियों में इसके लक्षण दिखना सामान्य सा हो चूका है।
इस बीमारी में ओवरी यानि की अंडेशय में सिस्ट (जिससे हम गति या द्रव्य से भारी हुई थीली कह सकते हैं) उत्पन्न होती है। हर स्त्री के शरीर में 2 अंडेशय होते हैं, जो कि गर्भाशय के दोनो और होते है।
इस बीमारी के लक्षण समझना बहुत जरूरी है- सबसे पहला लक्षण होता है
मासिक धर्म में अनियामिता, कई माहिनो तक मासिक धर्म का ना आना, मासिक धरम में बहुत ज्यादा पेट और पीठ दर्द होना। बालो का झड़ना, चेहरे पर छोटे छोटे बालों का उगना, या शरीर में काई दुसरे अंगो पर भी बाल उगना – जैसे की छाति और पीठ पर। चेहरे पर मुहासे। मोटापा और थाकान महसूस होना। गर्भ धारण करने में समस्या या बार बार गर्भपात होना। स्वभाव में बदलाव होना- चिड़चिड़ापन या ज्यादा भवनात्मक हो जाना। महिलाओ में उच टेस्टोस्टेरोन लेवल।
अगर समय से इसका इलाज न किया जाए तो मधुमेह यानी शुगर की बीमारी, हृदय रोग, एंडोमेट्रियल कैंसर (गर्भशय का करक रोग) और डिप्रेशन जैसे गंभीर बीमारी को बुलावा दे सकता है।
बीमारी से कैसे बचे?
अगर आपको ये बीमारी है या इसे बचना चाहते हैं तो सबसे पहले अपना वजन घाटाना सबसे महात्वपूर्ण है। साथ ही जंक फूड (अतिरिक तेल मसाला वाला खाना) का सेवन न करें, जितना हो सके घर का बना हुआ खाना खाए, मीठे का भी सेवन ना करे हरि सब्जी और फल खाए। खुले हवा में योग और प्राणायाम करें। ध्यान भी लाभदायक है। धूम्रपान और मदिरा का सेवन बिल्कुल ना करे खास तौर पर अगर आप संतान प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीमारी का इलाज पूरी तरह मुमकिन है। होम्योपैथिक दवा इस बीमारी को जड़ से ठीक करने में प्रभावशाली है। इन दवाओ की मदद से आपके सिस्ट कम हो जाते हैं, और वो सामान्य मात्रा में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन (यानी की स्त्रियो में पाए जाने वाले हार्मोन) बनाना शुरू कर देता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर अपने आप कम हो जाता है।तो आज ही हमारे अनुभवी डॉक्टर से मिले और पीसीओडी से निजात पाए।
डॉ कृतिका मिश्रा