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तलोद में साबरकाठा - अरवल्ली रबारी समाज का सम्मान समारोह आयोजित किया गया

तलोद में साबरकाठा - अरवल्ली रबारी समाज का सम्मान समारोह आयोजित किया गया

रबारी समाज के लिए 'कुरिवाजो को त्यागकर शिक्षा के माध्यम से समाज को अधिकाधिक समृद्ध बनाने' का संकल्प लेना आवश्यक है - काशीधाम कहवा समाज सुधारक  राजाबापा इस कार्यक्रम में अध्ययन केंद्र के लिए दानदाताओं ने 14 लाख रुपये से अधिक का दान दिया रबारी समाज के नेताओं, भाइयों और बहनों के लिए यह समय की मांग है कि वे 'कुरिवाजो को त्यागकर शिक्षा के माध्यम से समाज को अधिकाधिक समृद्ध बनाने' का संकल्प लें। समाज में व्याप्त कुरीतियों और व्यसनों को त्यागने के साथ-साथ, किसी भी समाज का सर्वांगीण विकास शिक्षा से ही संभव है। साबरकांठा-अरावली रबारी समाज के सुधार और विकास के लिए आज से एक नया सामाजिक संविधान लागू करने का आह्वान करते हुए और नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए काशीधाम कहवा समाज सुधारक भुवाजी राजाबापा ने कहा। वडवाला दूधरेज मंदिर के प. 1008 कनीरामदास बापू ने हमारी भावी पीढ़ी के कल्याण हेतु सामाजिक संविधान का पालन करने की पहल की है, अर्थात रबारी समाज में रूढ़िवादिता, गलत खर्च, गलत दर्शन और व्यसन निवारण। उन्होंने समाज के सभी भुवजियों, प्रमुखों और वरिष्ठजनों को इसमें भाग लेने के लिए शुभकामनाएं दीं और आशीर्वाद दिया। कनीराम बापू ने इस अवसर पर उपस्थित प्रमुखों और अभिभावकों से समाज में बेटे-बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने और सर्व समाज के साथ एकता की भावना बनाए रखने की अपील की। नव वर्ष के अवसर पर, वडवाला मंदिर, जक के महंत गणेशदास बापू ने अपना आशीर्वाद दिया और राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सभी से सामाजिक सुधार-संविधान का अधिक से अधिक पालन करने और सामाजिक एकता व कल्याण हेतु अनुरोध किया। बापू ने सामाजिक सुधार की इस नई पहल के लिए साबरकांठा-अरावली समाज के प्रमुखों को बधाई दी। नववर्ष के उपलक्ष्य में आज साबरकांठा-अरावली रबारी समाज का एक मिलन समारोह एवं सम्मान समारोह रबारी समाज अध्ययन केंद्र, तालोद में आयोजित किया गया। इस अवसर पर सभी ने आगामी देव दीपावली से साबरकांठा-अरावली रबारी समाज के सुधार-निर्माण हेतु नए सामाजिक संविधान को लागू करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में दानदाताओं ने तालोद अध्ययन केंद्र को 14 लाख रुपये से अधिक का दान दिया और अन्य लोगों को भी समाज सेवा हेतु प्रेरित किया। ‘समाज सेवा ही ईश्वर सेवा है’ के ध्येय वाक्य के साथ यह सामाजिक समारोह दोपहर 12 बजे आयोजित किया गया। इस सामाजिक समारोह में वलीनाथ मंदिर के दशरथगिरी महाराज-ताराभाना कोठारी सहित बड़ी संख्या में रबारी समाज के भाई-बहन, विभिन्न महंत, समाजसेवी, समाज सुधारक, सामूहिक विवाह के प्रवर्तक, दानदाता, नेतागण और सरकार में सेवारत उच्च पदस्थ अधिकारीगण उपस्थित थे। रबारी समाज के गौरव, विधायक मावजीभाई देसाई और शिक्षाविद् एवं समाज सुधारक प्रो. अवनीबेन आले ने समाज में चल रही कुरीतियों और उनके सुधार के बारे में कई उदाहरण दिए और उपस्थित सभी लोगों से इसे बदलने की पहल करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों ने समाज के सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं, रबारी समाज अध्ययन केंद्र-आरईसीईटी की शैक्षणिक गतिविधियों, विभिन्न शहरों में रबारी समाज द्वारा संचालित प्रतियोगी परीक्षाओं की कक्षाओं और युवाओं को इनका अधिकतम लाभ कैसे मिल सकता है तथा राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ कैसे उठाया जाए, के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर समाज सुधारक स्वर्गीय जीवनभाई रबारी के परिजनों, सरपंचों, भुवजियों, सेवानिवृत्त सचिव के.डी. देसाई, दानदाताओं और प्रशासनिक अधिकारियों का सम्मान किया गया। साथ ही, इस अवसर पर समाज के दानदाताओं ने शैक्षणिक परिसर को कुल पंद्रह लाख रुपये दान किए। रबारी समाज अध्ययन केंद्र, तलोद के समन्वयक वासुदेवभाई रबारी ने बताया।

जीतुभा राठौड़ तलोद साबरकाठा