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अंजलि राही ने लोगों को दी विजय दशमी पर्व की शुभकामनाएं

अंजलि राही ने लोगों को दी विजय दशमी पर्व की शुभकामनाएं

अपने अंदर छिपी रावण रुपी बुराईयों का करें दहन : अंजलि राही

गुरुग्राम। आम आदमी पार्टी की महिला जिला उपाध्यक्ष व समाजसेविका अंजलि राही ने लोगों को विजय दशमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विजय दशमी का पर्व असत्य पर सत्य व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है। रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है। हर साल विजयदशमी पर रावण का अंत होता है और रावण के पुतले का दहन भी होता है। रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले भी रामलीलाओं में जलाए जाते हैं। इसके बाद भी बुराई नहीं मरती बल्कि वह और अधिक स्वस्थ होती नजर आती है। उन्होंने कहा कि समाज में जिस प्रकार से महिलाओं का शोषण, तिरस्कार, महिलाओं के प्रति घटित हो रही घटनाएं बहुत ही निंदनीय है। आखिर इस प्रकार की बुराईयों को किस प्रकार खत्म किया जा सकता है, इस पर मंथन करने की आवश्यकता है। महिलाएं समाज व परिवार की धुरी होती हैं। जिनका परिवार को एकजुट रखने में बड़ा योगदान होता है। बदलते समय के साथ-साथ कुछ परिवर्तन अवश्य आएं हैं, महिलाएं अब घर से बाहर निकलकर रोजगार, व्यापार, शिक्षा, राजनीति में भी अपना योगदान देने लगी हैं, लेकिन उन्हें उतना सम्मान नहीं मिलता, जितना उनका अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है और उससे देश का हर व्यक्ति परेशान है। इस बुराई और भ्रष्टाचार पर तब तक अंकुश नहीं लग सकता है जब तक कि हम अच्छे और ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाने का काम नहीं करेंगे। केवल रावण का पुतला जलाने से काम नहीं चलने वाला, अच्छाई को भी आगे बढ़ाना होगा। अंजलि राही ने कहा कि हम रावण को मारने और उसके पुतले जलाने की महज औपचारिकता ही निभा रहे हैं। लोगों के अंदर जो रावण छिपा है, जो उन्हें गलत रास्ते पर ले जाता है, उसका दहन तो आज तक नहीं किया गया। रावण के पुतले का दहन करके ही हम यह सोच लेते हैं कि बुराई का अंत हो जाएगा। यही कारण है कि हर साल जलने के बाद भी न तो रावण का अंत हो पा रहा है और न ही बुराई ही खत्म हो रही है। विजयदशमी पर्व का तो संदेश ही यह है कि हम अपने अंदर छिपे रावण पर भी विजय प्राप्त करें। जिस दिन ऐसा होगा, बुराई का अंत अपने आप हो जाएगा।