डायट लखीसराय में डिस्लेक्सिया पर जागरूकता अभियान, प्रशिक्षुओं को दी गई उपयोगी जानकारी
(बिहार): लखीसराय, 31 अक्टूबर 2025 — जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट), लखीसराय में आज डिस्लेक्सिया पर जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की प्राचार्या डॉ. वंदना कुमारी ने की।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के व्याख्याताओं द्वारा डिस्लेक्सिया विषय पर पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन तथा चर्चा–परिचर्चा का आयोजन किया गया। प्रशिक्षुओं को बताया गया कि डिस्लेक्सिया एक अधिगम अक्षमता (Learning Disability) है, जिसमें बच्चे देखने में सामान्य लगते हैं, लेकिन उन्हें पठन–पाठन से जुड़ी कठिनाइयाँ होती हैं। ऐसे बच्चों की पहचान करना कठिन होता है, परंतु उचित सहयोग और समझ से वे जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. वंदना कुमारी ने अपने संदेश में कहा — डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चे किसी भी रूप में कम नहीं होते। शिक्षकों को चाहिए कि वे ऐसे बच्चों के प्रति संवेदनशीलता रखें और उन्हें आत्मविश्वास से आगे बढ़ने के अवसर दें। संवेदनशील शिक्षक ही इन बच्चों की सफलता की असली कुंजी हैं।" कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि डिस्लेक्सिया से प्रभावित होकर भी महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने विश्व में अपनी अमिट पहचान बनाई। यह इस बात का प्रमाण है कि ऐसी स्थिति किसी व्यक्ति की प्रतिभा या क्षमता को सीमित नहीं करती। परिचर्चा के दौरान व्याख्याता श्रीमती सुषमा कुमारी, श्रीमती प्रगति पल्लवी, श्रीमती मधुमिता, डॉ. मनीष प्रसाद, श्री विश्वजीत सिंह, मोहम्मद वाशिक, डॉ. सुनील कुमार एवं श्री राजीव रंजन ने प्रशिक्षुओं को विषय की गहराई से अवगत कराया और आवश्यक दिशा–निर्देश प्रदान किए। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों और प्रशिक्षुओं में डिस्लेक्सिया के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाना रहा, ताकि भविष्य में वे ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें आवश्यक शैक्षिक सहयोग प्रदान कर सकें।

संवाददाता : - संदीप विश्वकर्मा