झिंझाना क्षेत्र के गांव बिडोली सादात में महफ़िल का आगाज़ किया गया जो हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा के दामाद हज़रत फातमा ज़हरा के शोहर हज़रत अली अलैहिस्सलाम की याद में ईद ए ग़दीर के अवसर पर याद में जश्न मनाया गया आप को बता दे कि रसूल मोहम्मद आले मोहम्मद ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम को ग़दीर के मैदान में सवा लाख के मजमे में रसूल ने दोनों हाथ बुलंद करके फरमाया कि में किस किस का मौला हु मजमे ने जवाब में फरमाया की हमसब के मोला है रसूल ने फरमाया जिस जिस का में मोला उसका अली मोला सभी मुसलमान इस दिन जश्न महफ़िल मनाते है महफ़िल में बाहर से आए शायरों ने अपने कलाम से हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शान में कलाम पेश किए और मौलाना आबिद ने हदीस बयान की के ग़दीर के मैदान में रसूल ने सवा लाख हाजियो के मजमे को बुलाया और ऊँटो के कजावो का मिम्बर बनवाया और फरमाया जिस जिस में मोला हु उसके अली मोला है हज़रत अली की शान में उनके जन्म का हवाला देते हुए कहा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम मदद करने वाले थे और गरीबो और लाचार की सहायता मदद किया करते थे उनके रास्ते पर अमल करने की हिदायत दी और कहा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने दुनिया मे अच्छे काम किये दुनिया को दीन इस्लाम का रास्ता बताया और दुनिया को बता दिया कि अच्छा रास्ते पर चलने वाले और उस पर अमल करने वाले को खुदा पसंद करता है और बुलंदी दर्जा अता करता है यही हमारा पैगाम है इस पर सभी अमल करें / मौजूद शायर नाते रसूल हाशिम शाह मौलाना आबिद हुसैन शाह तिलावते कुरान अली रज़ा ज़ैदी नाज़िम शौकीन शाह नफीश शाह नासिर अली शाह कासिम शाह ज़िया मेहदी हुसैन अब्बास ज़ैदी गुलाम अली वसी हैदर ज़ैदी अब्बास ज़ैदी डॉक्टर बाक़र ज़ैदी प्रधान ज़ैदी फ़ज़ल अली ज़ैदी मौलाना ऑन मोहम्मद साहब लियाकत शाह सलीम शाह बाबर शाह मेहदी ज़ैदी दिल्ली वाले हामिद शाह मोहर्रम अली असगर मेहदी औसाफ़ अली आदि का सहयोग रहा