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भारतीय लोकतंत्र और संघवाद के 75 साल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

भारतीय लोकतंत्र और संघवाद के 75 साल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 

 

दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह सांध्य महाविद्यालय की एकेडमिक अफेयर्स कमिटी द्वारा भारत में संघवाद और लोकतंत्र के 75 वर्ष पर आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की गरिमामयी उपस्थिति रही। श्री आदर्श गोयल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में लोकतंत्र और संघवाद  की अवधारणा वैदिक काल से ही विद्यमान है। वैदिक वांग्मय में कई स्थानों पर इनके संदर्भ देखने को मिलते हैं। आगे वह यह भी कहते हैं कि भारतीय संघवाद अमेरिकी संघवाद के मॉडल से भिन्न है, इसलिए संघवाद को भारतीय परिप्रेक्ष्य में समझने की आवश्यकता है। वहीं उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता के तौर पर प्रो बलवीर अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र और संघवाद के बीच बहुत गहरा संबंध है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।

इसके अतिरिक्त इस दो दिवसीय संगोष्ठी में अन्य विषयों जैसे  न्यायिक संघवाद, राजकोषीय संघवाद और राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण से भारतीय संघवाद पर गहन और विस्तृत चर्चा हुई। इस मौके पर अपने-अपने क्षेत्र की जानी मानी अकादमिक और राजनीतिक हस्तियां जैसे पूर्व सांसद श्री डी. राजा,   डॉ. दलबीर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री के. जे. अल्फोंस, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस.वाई. क़ुरैशी तथा अन्य ने भी विचार प्रस्तुत किए। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार अत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए लोकतंत्र और संघवाद की महत्ता पर बल दिया और संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। संगोष्ठी के संयोजक प्रो एस.के.जैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में शिक्षक और छात्र शामिल हुए।