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अपनी ईद की ख़ुशयों में गरीबों को भी शामिल करें असल ईद कि रूह यही है

*अपनी ईद की ख़ुशयों में गरीबों को भी शामिल करें असल ईद कि रूह यही है*

बिडोली । माहे रमज़ान का चौथा जुमा अकीदत व दूआ के साथ संपन्न हुआ दरअसल आप को बता दे कि गांव बिडोली सादात में बड़ी मस्जिद में दुआ के साथ रमज़ान का चौथा जुमा सम्पन हुआ जुमे में पूरी दुनिया के लिए अमन व चैन की दुआ मांगी मौलाना ऑन मोहम्मद हाफिज मोहम्मद नावेद साहब ने खुतबा बयान किया उन्होंने कहा कि माहे रमज़ान में रोज़ा रखना व फितरा देना नमाज़ पढ़ना ज़रूरी है यह एक अल्लाह की इबादत है माहे रमज़ान में नेक काम करो बुराई से बचो किसी का बुरा न चाहो सब का भला करो सब को भाई चारे का पैगाम दिया सब भाईचारा बनाये रखे माहे रमज़ान में इंसान अपनी गुनाहों की तोबा करे व नमाज़ पढे मौलाना ऑन मोहम्मद साहब ने ये भी बताया कि रोज़े में किसी को ज़बान से बुरा कहना से रोज़ा मुकरू हो जाता है किसी की बुराई सुनने से रोज़ा मुकरू हो जाता है रोज़े में हर बात का खयाल रखें माहे रमज़ान बरकतों का महीना है इसमें रोज़ा रखे पांच टाइम की नमाज़ पढ़ना खुदा की इबादत है मुस्लिम धर्म यही पैगाम देता है हाजी मेहताब मेहदी ज़ैदी सय्यद कमर अब्बास ज़ैदी सलीम शाह बाकिर अली फ़ज़ल अली पूर्व प्रधान  हाफिज इनाम ज़िला उपाध्यक्ष एम आई एम शामली  मौलाना अकबर मेहदी आदि मौजूद रहे

आइशा मस्जिद बिडोली सादात में जुमे के दौरान ख़िताब करते हुवे नवेद  फेज़ी ने कहा के रमजान मैं तीन अशरे होते हैं पहला अशरा रहमत का दूसरा मगफिरत का तीसरा निजात का है यह रमजान उल  मुबारक का तीसरा अशरा चल रहा है इस अशरे में हमें शब क़दर में इबादत करनी चाहिए इसकी ताक़ रातों में तिलावत करें और अल्लाह से खूब दुआ करें और आगे कहा के हर वह मुसलमान अगर जकात अदा करें जो साहिबे निसाब हें तो कोई भी गरीब इंसान भूखा न रहे इसलिए हमें चाहिए के ईद से पहले ज़कात और सदक़ा तुल फ़ित्र अदा करें जो मुसलमान आक़िल व बालिग व आजाद हो निसाब के बराबर माल रखता हो माल असल जरूरयात से ज्यादा हो उस माल पर पूरा साल गुजर जाए तो उस पर ज़कात फर्ज है

ज़कात का निसाब कम से कम मिकदार साढ़े साथ तोला सोना या साडे बावन तोला चांदी कि मालीयत के बराबर है जो साल के जमा किए हुए माल पर ढाई फीसद की शराह से मुकर्रर की गई है

आखिर में मुल्क कि अमन व सलामती के लिये दुआ की दुआ के साथ चौथा जुमा संपन्न हुवा