डॉ प्रशांत कुमार
B.H.M.S
रूमेटॉयड अर्थराइटिस जिसे आम भाषा में गठिया बाई भी कहते है काफी तेजी से हमारे समाज में बढ़ती जा रही है।
2021 के न्यूज रिपोर्ट के अनुसार 1.3 crore लोग भारत में इस बीमारी से पीड़ित है।
ज्यादातर ये 40 से ऊपर के उम्र के लोगो में होता है परंतु आज कल की स्ट्रेस और भाग दौड़ की लाइफ में ये बीमारी युवाओं में भी बढ़ने लगी है।
तो आइए जानते है इसके कुछ लक्षण और कैसे इससे निजात पाया जा सकता है
लक्षण:-
1)हाथ और पैरो की उंगलियों में दर्द एवम सूजन
2)सुबह सुबह जोड़ो में अकड़न
3)उंगलियों में लालपन के साथ दर्द
4)सुबह सुबह चलने में परेशानी
कुछ लोगो में ये आगे चलकर त्वाचा के रोग एवम हृदय रोगों को भी बढ़ावा दे सकती है।
कारण:-
गठिया एक ऑटो इम्यून बीमारी है,जिसमे हमारे शरीर की कोशिका स्वम की ही स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करने लगती है,जिससे हमारा शरीर कमजोर पड़ने लगता है।
आज एक और कारण जानते है जो काफी कम लोगो को पता होता है आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी में हर कोई दूसरे से बेहतर बनने को कोशिश में लगा रहता है और ऐसे में जब हमे उतनी इज्जत नहीं मिलती या जितना हमने किया उतनी तारीफ हमे नही मिलती तो हम खुद को सवाल करने लगते गई,खुद की कबीलियत पर संदेह करने लगते है।तब हमारी हड्डियां अंदर से खुद को कमजोर महसूस करती है। इसके परिणाम स्वरूप जोड़ो में गाढ़े बनने लगती है जिससे जोड़ो में दर्द और सूजन आ जाती है जिसे हम गठिया बाई बोलते है। हमारे शरीर की हड्डियां हमे सीधा खडा होने में और सही से चलने में सपोर्ट प्रदान करती है,परंतु जब हमे ऐसा लगने लगे के हमारी "वैल्यू नही करी जा रही"यानी की हमारा " सेल्फ - अबमुल्यन" हो रहा है यानी के हमे किसी लायक नही समझा जा रहा तब इस बीमारी के होने के चांसेज बढ़ जाते है ये या तो परिवार के लोगो द्वारा किया गया हो या फिर ऑफिस में बॉस के द्वारा दोनो में ही हड्डियों में कमजोरी से गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
उपाय:-
आम तौर पर इन बीमारियो में पैन किलर यानी के दर्द को कम करने की दवाई दी जाती है साथ में गैस की भी दवाई खानी पड़ती है। ये दवाएं कुछ देर आराम तो देती है पर फिर से वही दर्द और सूजन वापस आ जाती है।
परंतु होम्योपैथी चिकित्सा के द्वारा अपने पुराने से पुराने गाठिया को जड़ से मिटाया जा सकता है।
होमोएपैथिक दवाइयां आपके अंदर के स्ट्रेस को दूर करके एक नई ऊर्जा का संचार करके आपके जोड़ो को दोबारा से मजबूत बनाती है।
ये आपके जोड़ो के सूजन एवम दर्द को खत्म करती है।
ये शरीर के टॉक्सिक हार्मोन्स को बैलेंस में लाकर आपके गठिया को ठीक करती है
तो आज ही प्रकृति होमियोपैथिक क्लिनिक के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम से मिले और आपने घर में बुजुर्गो को इस लंबी बीमारी के दर्द से बचाएं