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गुरुग्राम की पहचान मिलेनियम सिटी नहीं यह है कूड़ा सिटी - अंजलि राही

गुरुग्राम की पहचान मिलेनियम सिटी नहीं यह है कूड़ा सिटी - अंजलि राही

 

*मिलेनियम सिटी बनी कूड़ा सिटी, निगम अधिकारियों की लापरवाही से गुरुग्राम कूड़े के ढेर में हुआ तब्दील- अंजलि राही*

 

गुरुग्राम 

 

साइबर सिटी गुरुग्राम इन दिनों कूड़ा सिटी बनी हुई है. जहां पूरे शहर में जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे हुए हैं, जिससे आम लोग लगातार परेशान हो रहे हैं. गुरुग्राम एक ऐसा शहर जो दुनिया के नक्शे पर अपनी एक अलग पहचान बन चुका है, लेकिन अब यह पहचान गुड़गांव की दूसरी नई पहचान बनने जा रहा है. क्योंकि गुरुग्राम अब मिलेनियम सिटी नहीं बल्कि कूड़ा सिटी बनती जा रही है।

 

बता दें कि गुरुग्राम में लगातार कूड़े के ढेर बनते जा रहे हैं और इन कूड़े के ढेर से लगातार बदबू आती रहती है, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं गुरुग्राम के हर इलाके में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिनमें गुरुग्राम के मदनपुरी रोड, के पास में ही निवर्तमान पार्षद का घर भी है और कार्यालय भी है जहाँ कूड़े का अंबार लग चुका है। जहां भाजपा निवर्तमान पार्षद के पास ही जब इस तरह कूड़े का ढेर लगेगा तो शहर के दूसरे इलाके में सफाई की कैसे उम्मीद की जा सकती है. ऐसा ही हाल पीडब्लूआई दफ्तर के पीछे का है. वहां भी कूड़े का ढेर जम चुका है. पूरे गुरुग्राम के मदनपुरी रोड में कूड़े से निकलने वाली बदबू फैल जाती है।

 

इसी बीच आम आदमी पार्टी, जिला महिला उपाध्यक्ष व वार्ड 16 भावी पार्षद अंजलि राही ने बताया कि यहा के दुकानदारों ओर स्थानीय निवासी काफी परेशान है इसको देखते हुए मुझे जनता के बीच आना पड़ा जब मेरी बात कॉलोनी में रहने वाले निवासी और दुकानदारो से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यहां भी लगातार कूड़ा बढ़ता ही जा रहा है. दूर-दूर तक कूड़ा फैला हुआ है और ये कूड़ा कोई एक दो दिन का नही बल्कि महीनों से इस इलाके में इसी तरह स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. स्थानीय निवासियों की माने तो कई बार इलाके में फैले कूड़े के ढेर की शिकायत निगम अधिकारियों व स्थानीय नेताओं को दी गई, लेकिन किसी के कान में जू तक नहीं रेंगी. जिस कंपनी को शहर से कूड़े के निस्तारण का काम दिया गया है वो कंपनीन नगर निगम के साथ आपसी विवादों के कारण शहर से कूड़ा उठाना बंद कर देती है, जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। वही अंजलि राही ने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि गुरुग्राम नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने में फेल साबित हो रहा है. बल्कि इससे पहले भी कई बार अन्य कारणों से भी ऐसे हालात गुरुग्राम में हो चुके है. निगम द्वारा गुरुग्राम में सफाई का टेंडर इकोग्रीन को दे रखा है. यही कारण है कि अब इकोग्रीन और नगर निगम का आपसी विवाद जहां लोगों के लिए आफत बना हुआ है तो वहीं अब यह कूड़ा शहर की छवि को भी कूड़े में मिलाने का काम कर रहा है. अब ऐसे में अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं हुआ तो फिर गुरुग्राम की पहचान मिलेनियम सिटी नहीं बल्कि कूड़ा सिटी के तौर पर होने लगेगी।