तलोद के हरसोल में नवरात्री में विश्व हिंदू परिषद द्वारा कुमारी कन्या का पूजन किया गया
आसो मास की नवरात्रि में विश्व हिंदू परिषद द्वारा तलोद में कुमारी कन्या पूजन
सनातन धर्म में आसो मास की नवरात्रि में कुमारी कन्या पूजन का अत्यधिक महत्व है। कुमारी को देवी का रूप बताते हुए कहा गया है कि नवरात्रि में कुमारी पूजन से श्रेष्ठ और अधिक फल देने वाला कोई अन्य पूजन नहीं है। महाथर्व संहिता में माँ भगवती जगदम्बा की आराधना में कुमारी पूजन को अनिवार्य बताया गया है। दो वर्ष की कुमारी को माता का कुमारी रूप, तीन वर्ष की कुमारी को त्रिमूर्ति, चार वर्ष की कुमारी को कल्याणी, पाँच वर्ष की कुमारी को रोहिणी, छह वर्ष की कुमारी को कालिका, सात वर्ष की कुमारी को चंडिका, आठ वर्ष की कुमारी को शाम्भवी और नौ वर्ष की कुमारी को दुर्गा का रूप माना जाता है। जिसके तहत आश्विन शुक्ल पक्ष की नवरात्रि की महासप्तमी की रात विश्व हिंदू परिषद तलोद शाखा द्वारा हरसोल विट्ठलनगर और हरसोल गांव में गांव की युवतियों की विधि-विधान से पूजा की गई. जिसमें तलोद तालुका चैप्टर अध्यक्ष टिनुभा झाला, द्वारका शारदा पीठ, ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रिपोर्टर : जितुभा राठौड साबरकाठा गुजरात