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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मुजफ्फरनगर ब्रांच ने की डॉक्टर विकास पवार पर लगे आरोप की निष्पक्ष जांच करने की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मुजफ्फरनगर ब्रांच ने की डॉक्टर विकास पवार पर लगे आरोप की निष्पक्ष जांच करने की मांग।

 

निखिल सैनी, संवाददाता। वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ विकास पवार पर उनकी महिला मरीज़ द्वारा कथित छेड़छाड़ के आरोप लगाने के कारण उन पर मुक़दमा दर्ज होने के संबंध में उनका किसी भी तरह कोई उत्पीड़न न हो व उनको उचित न्याय मिल सके पर विचार विमर्श के लिए इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन सदस्यों द्वारा सभा का आयोजन किया गया।

आई एम ए सदस्य, वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ विकास पवार के विरुद्ध उनकी एक महिला मरीज़ ने कथित छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए मुक़दमा दर्ज कराया है । इसी संबंध में आई॰एम॰ए॰ ने सर्कुलर रोड स्थित आई एम ए भवन में विचार विमर्श के लिए आज साँय ५ बजे एक सभा का आयोजन किया जिससे कि डॉ विकास पवार का किसी भी तरह कोई उत्पीड़न न हो सके व निष्पक्षता व सत्यता पूर्वक उचित न्याय हो सके, पर विचार किया गया। सभा की अध्यक्षता आई॰एम॰ए॰ अध्यक्ष डॉ हेमंत शर्मा ने की। विभिन्न सदस्यों ने इस सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए। इस सभा में काफ़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे जिनमे मुख्य रूप से डॉ मुकेश जैन डॉ ईश्वर चंद्रा, डॉ सुनील सिंघल, डॉ प्रदीप कुमार , डॉ अशोक कुमार , डॉ के डी सिंह , डॉ यू सी गौड़ डॉ गजराज वीर सिंह, डॉ डी एस मलिक, डॉ रवींद्र जैन डॉ अविनाश रमानी , डॉ हरदेश अरोड़ा , डॉ सुभाष बालियान, डॉ अशोक सिंघल, डॉ आमोद कुमार, डॉ सुनील चौधरी, डॉ अजय सिंघल डॉ पंकज सिंह डॉ सुजीत कुमार सिंह, डॉ मनोज काबरा, डॉ एम एल गर्ग, डॉ मनीष अग्रवाल डॉ दीपक गोयल डॉ रवींद्र सिंह , डॉ प्रदीप गर्ग , डॉ कुलदीप सिंह चौहान , डॉ सत्यम राजवंशी, डॉ राजेश मारवाह डॉ अखिल गोयल डॉ आशीष बलराज डॉ निशा मलिक डॉ रश्मि गोयल आदि मुख्य चिकित्सक उपस्थित थे। आईएमए सदास्यगणो ने सभा में मामले के जानकारी देते हुए कहा कि डॉक्टर विकास पवार द्वारा एक माह से भी अधिक समय पहले एक महिला मरीज़ का आपरेशन किया था किंतु कुछ कॉम्प्लिकेशन उत्पन्न हो जाने के कारण उचित इलाज हेतु तदनुसार हायर सेंटर रेफ़र कर दिया गया था तब मरीज़ व परिजनों ने किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं की । अब एक महीना से भी अधिक बीत जाने के बाद उक्त महिला मरीज ने अचानक कथित छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए डॉ के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करा दिया जो कि समझ से परे है। इसी संबंध में सभी सदस्यों ने माँग की है कि इस केस में निष्पक्ष सत्यतापूर्वक न्यायोचित जाँच हो जिससे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और किसी भी तरह का कोई उत्पीड़न न हो और मुक़दमा वापस हो जिससे कि अन्य चिकित्सक वर्ग भी भययुक्त होकर समाज की सेवा कर सके, अपना चिकित्सा कार्य कर सके।