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इस वर्ष महाकुम्भ की तर्ज पर लगने जा रहा माघ मेला, सभी तैयारियां लगभग पूरी

*इस वर्ष महाकुम्भ की तर्ज पर लगने जा रहा माघ मेला, सभी तैयारियां लगभग पूरी*

 

*वर्तमान माघ मेलाअधिकारी (2015) बैच के IAS अरविंद कुमार चौहान जो कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष है, इनके कार्य कौशल को देखते हुए दिल्ली क्राइम प्रेस के माध्यम से इनको अलंकृत भी किया जा चुके है,*



प्रयागराज संगम की रेती पर 6 जनवरी से आयोजित हो रहे विश्व प्रसिद्ध माघ मेले की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। 

प्रदेश की योगी सरकार 2023 के माघ मेले को जनवरी 2025 में लगने वाले महाकुंभ के रिहर्सल के तौर पर पेश करने की तैयारी कर रही है।

मेलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने बताया कि इस बार लगभग 700 हेक्टेयर और पांच सेक्टर में माघ मेला बसाया गया है। हर सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के साथ एक डिप्टी एसपी की भी तैनाती की गई है।



मेलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने बताया कि साधु-संतों और कल्पवासियों को उनके सेक्टर में ही सुविधाएं मिलें, इसकी व्यवस्था व्यापक स्तर पर की गई है। वेंडिंग जोन में सफेद लाइटिंग लगेगी ताकि मेले में एकरूपता हो। 

उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2025 के महाकुंभ की रिहर्सल के तौर पर माघ मेले को पेश करने का निर्देश दिया है, जिसके चलते मेला क्षेत्र को पूरी तरह से पॉलिथीन फ्री कराया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में 10 सुविधा केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर तैनात कर्मचारी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संतों को गाइड करेंगे। मेला क्षेत्र की आसपास की बिल्डिंग पर लाइटिंग कराई जाएगी ताकि रात के वक्त भव्य नजारा दिखे।



मेलाधिकारी ने बताया कि माघ मेला क्षेत्र में 500 बेड और टेन्ट रेन बसेरा भी बनाई जाएगी, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड में कोई परेशानी ना हो ड्रोन कैमरे से मेले की निगरानी होगी और साधु-संतों को ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। माघ मेले में पहली बार कुंभ मेले की तर्ज पर अरैल क्षेत्र में 20 टेंट की एक टेंट सिटी बसाई जा रही है। जिसमें श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। जो श्रद्धालु और पर्यटक संगम के तट पर रहना चाहते हैं वे इनमें रह सकते हैं।

उन्होंने बताया कि माघ मेले में पीडब्ल्यूडी की ओर से आवागमन के लिए लगभग 150 किलोमीटर चकर्ड प्लेट बिछाई गई है। जल निगम की ओर से पेयजल लाइनें बिछाई गई हैं और विद्युत विभाग की ओर से लाइटिंग की गई है। इसके साथ ही मेला गंगा नदी के दोनों ओर बसता है, आवागमन के लिए पांच पांटून ब्रिज भी बनाए गए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से 11,000 संस्थागत और 4000 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त पार्टी पर अतिरिक्त शौचालय भी बनाए गए हैं। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए स्वास्थ विभाग की मदद से सर्विलांस टीमें गठित की गई हैं। मेले के सभी 16 इंट्री गेटों पर कोविड 19 जांच की व्यवस्था रहेगी। मेले में एंटीजन के साथ ही आरटीपीसीआर जांच की भी सुविधा रहेगी। कोविड पाजिटिव पाए जाने पर अस्पतालों में भर्ती किय जाएगा।



अरविन्द कुमार चौहान ने बताया कि माघ मेले की सुरक्षा के लिए करीब 2500 पुलिस फोर्स तैनात की गई है। जिसमें 14 थाने, 38 पुलिस चौकियां 15 फायर स्टेशन बनाए गए हैं। इसके साथ ही मेले में जगह-जगह सिविल ड्रेस में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। स्नान घाटों पर जल पुलिस और आर.ए.फ की भी तैनाती की जाएगी। मेले में प्रमुख स्नान पर्वों को देखते हुए ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया गया है और श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए पार्किंग और रूट डायवर्जन की भी व्यवस्था रहेगी।