मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण देने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही इसे पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के लिए तमाचा करार दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने वाली ममता जी की कलई खुल गई है। तुष्टिकरण पर उतारु ममता बनर्जी हाईकोर्ट के फैसले को मानने के बजाय कह रही हैं कि मैं ये फैसला नहीं मानती हूं। यह फैसला लागू नहीं होगा। क्या ये संविधान का अपमान नहीं है? ममता बनर्जी अपने आप को समझती क्या हैं?