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किशनगंज, बिहार आदिवासी मजदूरों ने चुनाव आयोग से की शिकायत

किशनगंज, बिहार आदिवासी मजदूरों ने चुनाव आयोग से की शिकायत

आदिवासी मजदूरों ने चुनाव आयोग से की शिकायत, वोटर लिस्ट से नाम हटाने का लगाया आरोप दिल्ली क्राइम प्रेस:-मो0 शमशाद  स्थान: किशनगंज, बिहार | दिनांक: 22 जुलाई 2025 किशनगंज जिले के सीमावर्ती आदिवासी क्षेत्रों से एक गंभीर शिकायत सामने आई है, जिसमें आदिवासी मजदूरों ने भारत निर्वाचन आयोग से लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन की शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूंजीवादी ताकतों के प्रभाव में आकर चुनावी प्रक्रियाएं निष्पक्ष नहीं रह गई हैं, और गरीब व मेहनतकश लोगों के साथ पक्षपात किया जा रहा है। शिकायत करने पहुंचे बिसु मुर्मू ने आरोप लगाया कि जिन लोगों के पास पैसे नहीं हैं, उनके काम नहीं किए जा रहे हैं और उनका नाम भी मतदाता सूची से हटा दिया जा रहा है। यह कदम एक सोची-समझी रणनीति के तहत उठाया जा रहा है ताकि केवल संपन्न वर्ग ही मतदान कर सके। बिसु मुर्मू के साथ जोहान सोरेन, सोम मरडी, सुशील मुर्मू सहित कई आदिवासी प्रतिनिधि मौजूद थे। इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) - CPI(M) के जिला सदस्य श्याम गुप्ता ने भी आंदोलन को समर्थन दिया और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। श्याम गुप्ता ने कहा, "यह एक सुनियोजित साजिश है जिससे आदिवासी और गरीब समुदाय को लोकतांत्रिक व्यवस्था से बाहर किया जा रहा है। यदि समय रहते जांच नहीं हुई तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी साबित होगा।"

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की तह तक जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया है, उन्हें पुनः जोड़ा जाए। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आया है, हालांकि इस पर अभी तक निर्वाचन आयोग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है। इस बीच आदिवासी मजदूरों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो वे जिला स्तर पर बड़ा जनांदोलन छेड़ सकते हैं।

 संवाददाता : अभिषेक कुमार