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राष्ट्रीय लोक अदालत में एक दिन में आपसी राजीनामा से निपटे 2200 से अधिक प्रकरण

राष्ट्रीय लोक अदालत में एक दिन में आपसी राजीनामा से निपटे 2200 से अधिक प्रकरण

करीब चार करोड़ की हुई वसूली और लगभग सात करोड़ की राशि का किया गया समझौता।

जमुई जजशिप ने स्थापित किया नया कीर्तिमान।



बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पटना के कार्यकारी अध्यक्ष चक्रधारी शरण सिंह के कुशल मार्गदर्शन में स्थानीय कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। जमुई जजशिप के इतिहास में यह लोक अदालत नए इतिहास की रचना की और एक अलग कीर्तिमान स्थापित किया। व्यवहार न्यायालय परिवार इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार के कुशल नेतृत्व में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 2200 से अधिक प्रकरणों का राजीनामा से निपटारा किया गया वहीं करीब चार करोड़ की नगद वसूली की गई और लगभग 7 करोड़ की राशि का समझौता किया गया। वादों के निष्पादन के साथ राशि की वसूली और समझौता राशि जमुई जजशिप के इतिहास में एक नया कीर्तिमान है।



जिला श्री सिंह ने कहा कि गरीब लोगों को उनका हक मिल सके इसके लिए लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। कोई भी व्यक्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव से मिलकर अपनी समस्या रख सकते हैं विशेष परिस्थिति में लोग सीधा उनसे भी संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने जरूरतमंदों को विधि सम्मत ढंग से त्वरित न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सह एडीजे पवन कुमार ने कहा कि इस लोक अदालत में न्यायालय में लंबित कल 742 मामलों का निष्पादन मौके पर किया गया वहीं बैंक और बीएसएनएल से संबंधित करीब 1500 वादों का भी आपसी सहमति से खात्मा करने में सफलता हासिल की गई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से करीब चार करोड़ की राशि वसूली गई वहीं लगभग 7 करोड़ की राशि का समझौता किया गया। श्री कुमार ने अब तक का इसे सबसे सफल लोक अदालत करार दिया। उन्होंने इस सफलता के लिए बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष चक्रधारी शरण सिंह के कुशल मार्गदर्शन के लिए उनके प्रति आभार जताया।



व्यवहार न्यायालय ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए कुल 13 पीठों का गठन किया था। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अदालत में भाग ले सकें और उन्हें असुविधा न हो। लोक अदालत को लेकर सुबह से ही बड़ी संख्या में पीड़ित कोर्ट पहुंचने लगे थे। देर शाम तक न्यायालय की प्रक्रिया जारी रही। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्वान वकील, सभी न्यायाधीश व न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे। सबों के आपसी तालमेल और सकारात्मक सहयोग से यह लोक अदालत सफलता की नई गाथा लिख डाली। व्यवहार न्यायालय परिवार इस सफलता पर मुदित है।

आशुतोष पाण्डेय