रहना है दुनिया में तो चेहरे से गमो को हटाना पड़ता है।
क्या करें जनाब ना चाहते हुए भी मुस्कुराना पड़ता है!
हर वक्त पलकों को यू भिगोते हैं आंसू।
कभी-कभी दिल का दर्द ही दिल में दबाना पड़ता है।
माना तन्हा अकेले वक़्त गुजारना मुश्किल है।
कोई ना समझे तो खुद को समझाना पड़ता है।
पूरे हो या ना हो वह खुदा की मर्जी।
जिंदगी जीने के लिए ख्वाबों को सजाना पड़ता है।
पूनम शर्मा की कलम से
Poonam Sharma mere_jazbaat_04