उ प्र कुशीनगर पड़रौना से उत्तर बासी में पूर्णिमा के दिन स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी, बिना कोई अप्रिय घटना के संपन्न हुआ
आर एन सिंह & राज हुसैन/ कुशीनगर बासी मे हर साल की तरह इस साल श्रद्धालुओं ने स्नान किया। बासी की ऐसी मान्यता है कि जिस समय श्री राम चन्द्र जी बारातियों के साथ जनकपुर से अयोध्या की तरफ लौट रहे थे तो माता जानकी के साथ यहि पर स्नान ध्यान किए थे। तभी से यह तीर्थ स्थान काफी प्रचालित हुआ, इस साल श्रद्धालुओं का इतना भीड़ लगा कि मेले में पैर रखने की जगह नहीं थी। भीड़ पर नियंत्रण के लिए प्रशासन काफी मुस्तैद रहा, कहीं कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुआ। लोग कहते हैं कि सौ काशी न एक बासी अर्थात जिसने एक बार बासी मे स्नान कर लिया वह सौ काशी में स्नान के बराबर होता है।