*तीर्थ पुरोहित ब्राम्हण महा सभा के जीविका पर मेला प्रशासन का कठोर रुक इनकी जगह आवंटन किया जाता है नदी से अधिक दूरी वे जिस कारण घाटियों का परिवार आया भुखमरी के कगार पर*
जहां केंद्र एवं प्रदेश सरकारों द्वारा सबको रोजगार एवं व्यवसाय प्रदान करने की बात की जा रही है वहीं प्रयागराज संगम तट पर सदियों से गंगा घाट के पास बैठने वाले ब्राह्मण तखत लगाकर घाट पर टीका चंदन लगाकर कुछ दक्षिणा से अपने परिवार के भरण-पोषण करने वाले ब्राम्हण महा सभा के बारे में मेला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहे है
संगम क्षेत्र के ब्राह्मण समाज कुछ वर्षों से भुखमरी की कगार पे आ गए है
इनका संगठन गंगा पुत्र रोहित कल्याण समिति एवं घाटिया संघ, जोशी समुदाय मेला प्रशासन है हर वर्ष के माघ मेला में प्रशासन से निवेदन करता चला आ रहा है कि हमारे जीवकोपार्जन के लिए निर्धारित जगह पे गंगा नदी,जमुना के पास घाट आवंटन किया जाए परन्तु मेला प्रशासन हर वर्ष इनको गंगा नदी व जमुना नदी के अधिक दूरी पे इनकी घाटों का आवंटन कर देती है जिसमे तीर्थयात्री उनके तक नहीं पहुंच पाते ,
जानकारी के अनुसार तीर्थयात्री गंगा स्नान करने के बाद ब्राह्मण को खोजते हैं जिनसे टीका, चंदन लगवा कर कुछ दक्षिणा देते हैं वह पूजन कराते हैं उस दक्षिणा से उन ब्राह्मणों का घर चलता है कुछ वर्षों से इनके जीविका के लिए प्रशासन ध्यान नही दे रही जिस कारण इनका परिवार
भुखमरी के कगार पर आ गए इस वर्ष मेला अधिकारी अरविन्द कुमार चौहान आये है जो कि विकास प्राधिकरण प्रयागराज उपाध्यक्ष भी है ब्राम्हण महा सभा इस वर्ष मेला अधिकारी से उम्मीद लगाया गया है इस इस वर्ष इनके जीविका पे विचार करना चाहिये ।
(रिपोर्टर देवेन्द्र शुक्ला )